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H3N2 Virus: जानलेवा बन रहा इन्फ्लुएंजा, 2 मौतों के बाद केंद्र-राज्य अलर्ट, जानिए इसके लक्षण और बचाव के उपाय

H3N2 Influenza Virus Case In India:- कोरोना (COVID-19) के बाद अब देश भर में एक और घातक H3H2 वायरस फैल रहा है। संक्रमण से दो लोगों की मौत के अलावा 90 और मामले सामने आए हैं. वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी एच3एन2 वायरस की रोकथाम के लिए तैयारी शुरू कर दी है.

H3N2 वायरस : देश में कोविड-19 के बाद अब दूसरे वायरस इंफ्लुएंजा ने चिंता बढ़ानी शुरू कर दी है। देश भर में इन्फ्लुएंजा वायरस के ए सबटाइप एच3एन2 के मामले बढ़ रहे हैं। कई मामलों में संक्रमित गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. इसके लक्षण भी कोविड जैसे ही हैं। सूत्रों के मुताबिक एच3एन2 वायरस से देश में दो मौत के मामले दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 90 हो गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में भी इसको लेकर मंथन शुरू हो गया है और बचाव के उपाय को लेकर प्रयास तेज हो गए हैं. उत्तर भारत में इस बीमारी के ज्यादा मामले आ रहे हैं। खासकर दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में ज्यादा मरीज देखे गए हैं. इसके साथ ही देश के दक्षिणी हिस्से कर्नाटक में भी इसके मरीज मिले हैं। मौतें कर्नाटक और हरियाणा में भी हुई हैं।

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इन्फ्लूएंजा से क्या तात्पर्य है?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मौसमी इन्फ्लूएंजा वायरस चार प्रकार के होते हैं- ए, बी, सी और डी। इनमें मौसमी फ्लू ए और बी प्रकार से फैलता है।

हालांकि इनमें इन्फ्लुएंजा ए टाइप को महामारी का कारण माना जाता है। इन्फ्लुएंजा टाइप ए के दो उपप्रकार हैं। एक एच3एन2 और दूसरा एच1एन1 है

इसके विपरीत, इन्फ्लुएंजा टाइप बी में उपप्रकार नहीं होते हैं, लेकिन वंश हो सकते हैं। टाइप सी को बहुत हल्का और खतरनाक नहीं माना जाता है। वहीं, टाइप डी मवेशियों में फैलता है।

ICMR के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में कोविड के मामलों में कमी आई है लेकिन H3N2 के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. निगरानी के आंकड़े बताते हैं कि 15 दिसंबर के बाद से एच3एन2 के मामले बढ़े हैं।

ICMR ने बताया कि सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (SARI) से पीड़ित आधे से ज्यादा लोग H3N2 से संक्रमित पाए गए हैं.

10-12 दिन से खांसी की शिकायत है

डॉक्टरों के मुताबिक अस्पताल पहुंचने वाले ज्यादातर मरीज 10 से 12 दिन खांसी की शिकायत लेकर आ रहे हैं। ऐसे में सवाल यह है कि यह कोरोना ही है या कुछ और? विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना वायरस और इन्फ्लूएंजा दोनों के लक्षण एक जैसे हैं। कोरोना की तरह एच3एन2 वायरस भी बहुत तेजी से संक्रमित करता है। इन्फ्लुएंजा के संदिग्ध मरीजों के सैंपल की कोरोना जांच भी की जा रही है। संक्रमित होने पर तुरंत डॉक्टरी सलाह लें।

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जानिए इसके लक्षण और बचाव के तरीके

H3N2 वायरस से संक्रमित मरीजों को खांसी, बुखार, ठंड लगना, सांस लेने में तकलीफ और घबराहट की शिकायत हो सकती है। इसके साथ ही कुछ मरीजों में गले में खराश, बदन दर्द और डायरिया की भी शिकायत मिली है. बड़ी परेशानी यह है कि ये सभी लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं।

H3N2 know its symptoms and preventive measures

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने नियमित रूप से हाथ धोने और मास्क लगाने की सलाह दी है। ये सभी सलाहें कोविड जैसी ही हैं। इसके साथ ही खाने-पीने में भरपूर मात्रा में तरल पदार्थ, आंखों और नाक को छूने से परहेज और बुखार और शरीर में दर्द के लिए पैरासिटामोल के सेवन का आग्रह किया गया है। कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले वयस्कों, बुजुर्गों और छोटे बच्चों में यह ज्यादा घातक है।

किसे ज्यादा खतरा है?

वैसे तो इन्फ्लूएंजा किसी भी उम्र के व्यक्ति को कभी भी हो सकता है। लेकिन इससे सबसे बड़ा खतरा गर्भवती महिलाओं, 5 साल से कम उम्र के बच्चों, बुजुर्गों और किसी बीमारी से पीड़ित लोगों को होता है।
इनके अलावा, स्वास्थ्य कर्मियों को भी इन्फ्लूएंजा से संक्रमित होने का सबसे अधिक खतरा होता है।

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क्या यह फैल सकता है?

यह एक वायरल बीमारी है, इसलिए यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकती है। WHO के मुताबिक, यह भीड़भाड़ वाली जगहों पर आसानी से फैल सकता है।

इन्फ्लुएंजा से संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर इसकी बूंदें हवा में एक मीटर तक फैल सकती हैं और जब कोई दूसरा व्यक्ति सांस लेता है तो ये बूंदें उसके शरीर में जाकर उसे संक्रमित कर देती हैं।

इतना ही नहीं यह वायरस किसी संक्रमित सतह को छूने से भी फैल सकता है। इसलिए जरूरी है कि खांसते या छींकते समय मुंह को ढक लें। साथ ही बार-बार हाथ धोते रहना चाहिए।

इन बातों का रखें ध्यान

•H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस के लक्षण दिखते ही लोगों को आरटीपीसीआर टेस्ट कराना चाहिए।
•अच्छी क्वालिटी के मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए।
•समय-समय पर हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोना चाहिए।
•संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
•घबराने की बजाय बचाव के उपाय करने चाहिए।
•जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है या वे गंभीर रूप से बीमार हैं, उनका विशेष ध्यान रखें।

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