Old Pension Scheme:- पूरे देश में पुरानी पेंशन योजना और नई पेंशन योजना को लेकर एक बहस छिड़ी हुई है कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की मांग बढ़ती जा रही है, यह मांग लंबे समय से हो रही है परंतु कुछ दिन पहले केंद्र कि मोदी सरकार ने कुछ चुनिंदा केंद्रीय कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ देने का फैसला किया है। इसके तहत सभी गवर्नमेंट एंप्लाइज को पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिलेगा। सरकार की तरफ से नई अपडेट के अनुसार जो कर्मचारी 22 दिसंबर 2003 से पहले निकली भर्ती के जरिए सरकारी नौकरी में शामिल हुआ है सिर्फ उसे ही ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ मिलेगा।
जिन कर्मचारियों को 22 दिसंबर 2003 के बाद निकली भर्ती के जरिए नियुक्त किया गया है उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिलेगा। उन कर्मचारियों पर नेशनल पेंशन स्कीम ( National pension scheme)के तहत पेंशन कवर दिया जाएगा। सरकार की तरफ से साफ कहा गया है कि अगर कोई कर्मचारी नई पेंशन योजना से पुरानी पेंशन योजना में जाने का विकल्प चुन लेता है तो वह उसका अंतिम विकल्प माना जाएगा उसके बाद उसमें कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा मतलब वह फिर से नई पेंशन योजना की स्कीम नहीं पाएगा।
केंद्र कर्मचारियों की तरफ से लगातार हो रही मांग के बीच पांच राज्यों में एक बार फिर पुरानी पेंशन योजना लागू करने का फैसला लिया गया है। इन राज्यों में राजस्थान ,छत्तीसगढ़ ,झारखंड,पंजाब और हिमाचल प्रदेश शामिल है। ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने वाले राज्य में राजस्थान सबसे पहले नंबर पर है इसी प्रकार हाल ही में हिमाचल प्रदेश में भी 1 अप्रैल से पुरानी पेंशन योजना लागू करने का फैसला सुनाया है। तो चलिए आपको इन सभी राज्य के ओल्ड पेंशन स्कीम के बारे में विस्तार से बताते हैं।
Rajasthan
राजस्थान में अशोक गहलोत गहलोत की कांग्रेस सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को लागू ( Rajasthan Implemented Old Pension Scheme) सफलतापूर्वक कर दिया है। राजस्थान पुरानी पेंशन योजना को अपनाने वाला पहला राज्य बना है। राज्य का बजट 2023-24 पेश करने के दौरान सीएम गहलोत ने सभी सेवारत और रिटायर कर्मचारियों को नई पेंशन योजना के बजाय पुरानी पेंशन योजना (OPS) का लाभ देने की घोषणा की हैं।
Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य में कर्मचारियों को नई और पुरानी पेंशन योजना को चुनने का विकल्प दिया है। कैबिनेट ने फैसला किया है कि कर्मचारी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के लिए राज्य द्वारा किए गए योगदान और उस पर अर्जित लाभांश को जमा करने के बाद पुरानी पेंशन योजना में वापस जा सकते हैं।
Jharkhand
1 सितंबर 2022 को झारखंड में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का फैसला सुनाया और राज्य में पुरानी पेंशन योजना को हेमंत सोरेन की सरकार ने चुनावी वादे में शामिल किया था।
Punjab
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत मान ने नवंबर 2022 में राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की बात कही थी। राज्य सरकार के इस फैसले के बाद अब 1.75 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलने वाला है।
Himachal Pradesh
पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए अब हिमाचल प्रदेश में भी अपना योगदान दिया है। चल प्रदेश कैबिनेट की बैठक में अपनी चुनावी घोषणा में दिए गए वादे के तहत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मंजूरी दे दी गई है।

पुरानी पेंशन योजना के तहत सरकार 2004 से पहले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन देती थी ,यह पेंशन कर्मचारी के रिटायरमेंट के साथ उनके वेतन पर आधारित होती थी। स्कीम के तहत रिटायर हुए कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिजनों को पेंशन का लाभ दिया जाता था। अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने 1 अप्रैल 2004 को पुरानी पेंशन योजना को बंद करने का फैसला किया था। इसके बाद साल 2004 में पुरानी पेंशन योजना को बदलते हुए नेशनल पेंशन सिस्टम को शुरू किया गया था।
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