बिजनेस डेस्क:- जब भी कोई व्यक्ति अपने सपनों का घर खरीदने जाता है,घर या फ्लैट खरीदने से पहले हर व्यक्ति एक कंफ्यूजन में रहता है कि रेडी टू मूव प्रॉपर्टी खरीदें या अंडर कंस्ट्रक्शन. पिछले कुछ वर्षों में कई कारणों बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट्स अटके पड़े हैं और घर खरीदारों की पूंजी इसमें फंस गई. ऐसे में ना घर मिल रहा है ना पैसा. रेडी टू मूव यानी पूर्ण रूप से तैयार प्रॉपर्टी की कीमत निर्माणाधीन फ्लैट से ज्यादा होती है.
रेडी टू मूव और अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी में निवेश को लेकर किसी के पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं होता है. दरअसल दोनों विकल्प खरीदार की जरूरत और परिस्थितियों के आधार पर उपयुक्त हो सकते हैं. यदि आप भी इस दुविधा में फंस गए हैं तो इससे जुड़ी बेहतर समझ के लिए कुछ पहलुओं पर गौर करके बेहतर निर्णय ले सकते हैं.
अंडर कंस्ट्रक्शन क्या होता है?
अंडर कंस्ट्रक्शन उन घरों या फिर बिल्डिंग को कहा जाता है, जिनका निर्माण कार्य चल रहा होता है या फिर पूरा नहीं हुआ होता है।
•पसंद का मकान चुनने की सुविधा
•प्रीमियम या ज्यादा भुगतान से बचाव
•निवेश पर अच्छा रिटर्न
•तुरंत ईएमआई शुरू नहीं होती
•मकान में मनमाफिक बदलाव
रेडी टू मूव इन क्या होता है?
रेडी टू मूव इन उन प्रॉपर्टी को कहा जाता है, जिसका कंस्ट्रक्शन पूरा हो चुका होता है और सभी तरह की मुख्य कागजी कार्यवाही पूरी हो चुकी होती है। आपको बस केवल वहां जाकर शिफ्ट होना होता है।है
•तत्काल उपलब्धता
•आप जो देखते हैं वह आपको मिलता है
•जीएसटी के प्रभाव से मुक्त
फायदे और नुकसान
आपको बता दें कि रेडी टू मूव और अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी में कुछ बेसिक अंतर है, जो आपको समझने चाहिए, इसमें कुछ फायदे और नुकसान आपको जरूर देखने चाहिए. इसके बाद आप आसानी से फैसला कर सकते है. रेडी टू मूव यानी पूर्ण रूप से तैयार प्रॉपर्टी की कीमत निर्माणाधीन फ्लैट से ज्यादा होती है. हालांकि, इन दोनों तरह के विकल्पों के अपने कुछ फायदे और नुकसान हैं. आप कुछ बातों को ध्यान रखकर समझ सकते है.
रेडी टू मूव और अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी के विकल्प खरीदार की जरूरत और परिस्थितियों के आधार पर उपयुक्त हो सकते हैं. अगर आप दुविधा में हैं तो इससे जुड़ी बेहतर समझ के लिए कुछ पहलुओं पर गौर करके बेहतर निर्णय ले सकते हैं.
आम तौर पर एक समान आकार और सुविधाओं के साथ मिलने वाली रेडी टू मूव और अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी की कीमत में बड़ा अंतर होता हैं.
निर्माणाधीन अपार्टमेंट में रेडी टू मूव अपार्टमेंट की लागत 10 से 30 फीसदी अधिक होती है. जिसके कारण घर खरीदार या निवेश के उद्देश्य से लोग अंडर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स में निवेश करते हैं.
आप ऐसे समझे कि कोई रेडी-टू-मूव अपार्टमेंट 75 लाख रुपए में मिल रहा है, लेकिन इस तरह का अंडर कंस्ट्रक्शन फ्लैट आपको 50 लाख से लेकर 65 लाख रुपये में मिल जाता है. क्योंकि जैसे-जैसे प्रॉपर्टी बनकर तैयार होगी, इसके दाम बढ़ जाते हैं.
रेडी टू मूव अपार्टमेंट के कब्जे में देरी नहीं होती. आप तुरंत शिफ्ट कर सकते हैं. अगर आप निर्माणाधीन अपार्टमेंट खरीदने जा रहे हैं, तो इसका पजेशन तय समय पर मिल पाएगा या नहीं, ये कहना निश्चित तौर पर थोड़ा मुश्किल है. अगर आप किराये के मकान में हैं और लोन लेकर रेडी-टू-मूव-इन प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो आपको किराये से राहत मिल जाती है, और किराया ईएमआई में बदल जाता है.
कौन सी संपत्ति खरीदना बेहतर है?
अगर आप दुविधा में हैं कि अंडर कंस्ट्रक्शन में जाएं या रहने के लिए तैयार हों। इसके लिए आपको कुछ बातों पर गौर करना चाहिए।
अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी खरीदने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि आपको प्रॉपर्टी रेडी टू मूव इन प्रॉपर्टी से थोड़ी सस्ती मिल जाती है और कंस्ट्रक्शन पूरा होने के साथ आपकी प्रॉपर्टी की कीमत भी बढ़ जाती है. अगर आप किसी ऐसी प्रॉपर्टी की तलाश में हैं, जिसकी आपको तुरंत जरूरत नहीं है, तो अंडर कंस्ट्रक्शन आपके लिए अच्छा विकल्प है, लेकिन ऐसी प्रॉपर्टी का चुनाव करते वक्त बिल्डर और बाजार में उसकी छवि कैसी है? आपने कितने प्रोजेक्ट पूरे किए हैं? इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए।
रेडी टू मूव प्रॉपर्टी उन लोगों के लिए अच्छी है जिन्हें तुरंत शिफ्ट करना है। इसमें आपको जल्द ही प्रॉपर्टी का पजेशन मिल जाता है। हालांकि, इसकी लागत निर्माणाधीन से अधिक है।